शनिवार, 5 सितंबर 2020

पाकिस्तानी ड्रामा सीरियल : मोहब्बत करना मना है


आंखों में जल रहा है बुझता नहीं धुआं 

आंखों में जल रहा है बुझता नहीं धुआं 
उठता तो है घटा सा बरसता नहीं धुआं 
आंखों से आंसुओं के मरासिम पुराने हैं 
मेहमां ये घर में आएं तो चुभता नहीं धुआं 

गुलज़ार की यह ग़ज़ल एक पाकिस्तानी ड्रामा सीरियल में शामिल है। इस सीरियल का नाम है- मोहब्बत करना मना है। आबिदा परवीन की आवाज़ में यह ग़ज़ल सीरियल के हर एपिसोड में सुनाई पड़ती है। हर बार यह अद्भुत असर डालती है। इस ग़ज़ल को यूट्यूब पर डेढ़ करोड़ से ज़्यादा लोग सुन चुके हैं। 

कहा जाता है कि साहित्य, संगीत और कला की सरहदें नहीं होती। जगजीत सिंह के गुज़रने पर पाकिस्तान में उनकी याद में कई कार्यक्रम हुए थे। हम टीवी ने एक सभागार में उन पर लाइव प्रोग्राम किया था। उसमें पाकिस्तान के कई मशहूर सिंगर ने जगजीत सिंह की ग़ज़लें पेश की थीं। दो पार्ट में यह कार्यक्रम यूट्यूब पर उपलब्ध है। 

मुझे नहीं पता कि पाकिस्तान वाले हमारे हिंदी सीरियल देखते हैं या नहीं। इधर लॉकडाउन में मैंने कुछ पाकिस्तानी ड्रामा सीरियल देखे। इनमें एहसास, ज़िंदगी गुलज़ार है, ख़ामोशी, सदक़े तुम्हारे, हमसफ़र, दुआ, दिल बंजारा, मुक़द्दस आदि शामिल हैं। 

अधिकांश पाकिस्तानी सीरियल 20-25 एपिसोड में समाप्त हो जाते हैं। कहानी क्लाइमेक्स पर पहुंच जाती तो देखने वालों को भी लुत्फ़ आता है। इस समय सीमा के कारण एक तो निर्माण की लागत कम होती है दूसरे लेखकों, निर्देशकों और कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए अनेक अवसर मिल जाते हैं। 

माहिरा खान, सबा क़मर, सारा ख़ान अकरा अज़ीज़, सनम सईद, फ़वाद ख़ान, अदनान मलिक आदि कई कलाकार पाकिस्तान में बेहद लोकप्रिय हैं क्योंकि वे कई कई सीरियल में विविधतापूर्ण भूमिकाओं में दिखाई पड़ते हैं। माहिरा ख़ान को फ़िल्म 'रईस' में, सबा क़मर को फ़िल्म 'हिंदी मीडियम' में और फ़वाद ख़ान को फ़िल्म 'ख़ूबसूरत' में आप देख चुके हैं। 

पाकिस्तानी ड्रामा सीरियल 'मुक़द्दस' समाप्त होने के बाद एक सूचना आई- अकरा अज़ीज़ के टॉप 17 ड्रामा सीरियल। इसका मतलब है कि अंडर थर्टी दिखने वाली इस लड़की के और भी कई सीरियल आ चुके हैं। 

क्या साक्षी तंवर जैसी किसी अभिनेत्री के दस सीरियल के नाम आप गिना सकते हैं। स्मृति ईरानी जैसी किसी अभिनेत्री को जब 5 साल तक सास बहू वाले एक ही सीरियल में क़ैद कर दिया जाएगा तो उसकी विविधतापूर्ण अभिनय प्रतिभा का पता कैसे लगेगा। 

पाकिस्तानी ड्रामा सीरियल से यह ज़ाहिर होता है अभी भी वहां बचपन में मंगनी कर दी जाती है। आगे चलकर जब लड़के लड़की जवान होते हैं और उनकी प्राथमिकताएं बदल जाती है तो मंगनी टूटने के ख़तरे पैदा हो जाते हैं। ऐसे हालात में दो परिवारों के बीच में ज़बरदस्त तनाव पैदा हो जाता है। कई बार पहले से चली आ रही ख़ानदानी दुश्मनी भी दो प्रेमियों के बीच में दीवार बन जाती है। 

जैसा कि पाकिस्तानी ड्रामा सीरियल में दिखाया जाता है, औरत तलाक़ मांग सकती है मगर तलाक़ दे नहीं सकती। तलाक़ देने का अधिकार सिर्फ़ पुरुषों को है। इसलिए मर्द बार-बार अपनी बीवी को तलाक की धमकी देकर डराता है। बिल्कुल यही समस्या टर्किश ड्रामा सीरियल में भी पेश आती है। 

मैंने पिछले कई साल से कोई हिंदी सीरियल नहीं देखा। लॉकडाउन में भी दिनभर टीवी दीवाल पर टंगा रहता है। रात में 9 बजे हम सिर्फ़ न्यूज़ देखने के लिए टीवी खोलते हैं। 5 साल, 10 साल चलने वाले सास बहू वाले सीरियल को बर्दाश्त करना मुश्किल काम है। 

हिंदी सीरियल में कलर करेक्शन करके सभी कलाकारों को गोरा और गुलाबी बना दिया जाता है। इसलिए सारी चेहरे नकली लगते हैं। उनके लिबास भी नकली दिखते हैं। अगर एक कमरे में आठ दस पुरुष हैं तो सभी चटक रंगों के डिज़ाइनर कुर्ते या महंगी शेरवानी पहने होते हैं। औरतें सब्ज़ी काटते समय भी महंगी रंग बिरंगी साड़ियां पहने होती हैं। अगर कमरे में किसी नए आदमी की इंट्री हुई तो वहां पहले से मौजूद थे सभी लोगों के चौंकाने वाले क्लोजअप दिखाते हैं। ओवर एक्टिंग वाले ऐसे भाव विहीन क्लोज अप देखने वालों को धराशाई कर देते हैं। 

पाकिस्तानी और तुर्की सीरियल में वेब सीरीज़ की तरह वास्तविक लोकेशन होते हैं। वास्तविक लिबास होते हैं। उनके कपडों के रंग आंखों को परेशान नहीं करते। उनमें ओवरएक्टिंग भी नहीं होती। इसलिए वे मुझे अच्छे लगते हैं। 

मैंने नेटफ्लिक्स, हॉट स्टार और यह मैक्स प्लेयर पर वेब सीरीज देखने की कोशिश की लेकिन मुझे सुकून नहीं मिला। अभिनेत्री जयललिता के जीवन पर आधारित वेब सीरीज 'क्वीन' मुझे ठीक ठाक लगी। सीरियल और सिनेमा से ऊबे हुए लोग अब वेब सीरीज देख रहे हैं। एक ही वेब सीरीज को बाप और बेटा अलग-अलग कमरों में बैठकर ईयर फ़ोन लगाकर अपने अपने मोबाइल पर देख रहे हैं। सवाल यह है कि सेक्स और हिंसा के बल पर वेब सीरीज़ कितने दिन तक टिकेंगे। 


आपका- 
देवमणि पांडेय 

सम्पर्क : बी-103, दिव्य स्तुति, कन्या पाडा, 
गोकुलधाम, फिल्मसिटी रोड, गोरेगांव पूर्व, मुम्बई-400063, 
M : 98210 82126 
devmanipandey.blogspot.com 

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