मैं दीवाना बादल हूं : ग़ज़ल संग्रह
युवा ग़ज़लकार विवेक बादल बाज़पुरी के ग़ज़ल संग्रह का नाम है- 'मैं दीवाना बादल हूं'। यह बादल फ़िक्र की वादियों से उठता है और एहसास की घटा बनकर दिल की बस्तियों पर बरसता है-
भले हम जी रहे हैं तनहा भले हम हैं जुदाई में
बुलाऊँगा मगर फिर भी तुझे अपनी सगाई में
किसी का तोड़ दूं मैं दिल मेरी हिम्मत नहीं होती
कई ऐसे भी होते हैं मुझे हैरत नहीं होती
उत्तराखंड के जिला ऊधमसिंह नगर के क़स्बा बाज़पुर के निवासी हैं विवेक बादल। उनकी ग़ज़लें अपने आसपास के मंज़र में डोलती और रस घोलती दिखाई देती हैं। इन ग़ज़लों में दिल की नाज़ुक दुनिया है, रिश्ते नाते हैं और समाज की आंखों से झांकते सवाल हैं-
कहां से कब चले आते हैं ग़म आहट नहीं होती
अगर मां साथ होती है तो घबराहट नहीं होती
नए नोटों के चेहरे भी वहम में डाल देते हैं
यक़ीं होता नहीं ये नोट असली है कि जाली है
इसके साथ ही विवेक ने अपनी ग़ज़लों में उत्तराखंड की ख़ूबसूरत वादियों और दिलकश नजारों को भी पेश करने की क़ाबिले तारीफ़ कोशिश की है। उन्होंने नैनीताल पर कई ग़ज़लें कहकर अपने माहौल की ख़ुशबू को हम तक पहुंचाने का नेक काम भी किया है-
तितलियां फूल के घर का पता ख़ुशबू से पढ़ती हैं
सभी सरगोशियां दिल की खुली तहरीर जैसी हैं
सुबह उठकर परिंदों की इबादत देख लेता हूं
दरे मंदिर पे झुकता हूं तो जन्नत देख लेता हूं
दिल चुरा लेती है सबका झील नैनीताल की
ख़ूबसूरत हैं फ़ज़ाएं यार मल्लीताल की
विवेक के पास जीवंत भाषा है। अच्छी विषयवस्तु है। अपनी बात को अपने अंदाज़ में पेश करने का सलीक़ा भी है। ग़ज़ल के रचना संसार में उन्होंने कुछ नया जोड़ने की कोशिश की है। कुछ शिल्पगत ख़ामियों के बावजूद विवेक की ग़ज़लें उम्मीद जगाती हैं। ग़ज़ल की दुनिया में उनका स्वागत है। उनका यह सुहाना सफ़र जारी रहे। इसके लिए हार्दिक शुभकामनाएं।
मांडवी प्रकाशन, ग़ाज़ियाबाद से प्रकाशित इस किताब का मूल्य है 225 रूपए।
संपर्क : mandvi.prakashan@gmail.com
विवेक बादल बाज़पुरी : 75000-42420
आपका-
देवमणि पांडेय
सम्पर्क : बी-103, दिव्य स्तुति,
कन्या पाड़ा, गोकुलधाम, फ़िल्म सिटी रोड,
गोरेगांव पूर्व, मुंबई- 400063, 98210-82126
devmanipandey.blogspot.com
2 टिप्पणियां:
किसी का तोड़ दूं मैं दिल मेरी हिम्मत नहीं होती
कई ऐसे भी होते हैं मुझे हैरत नहीं होती
दिल छु लिया इस लाइन ने Express Marathi
आपका शुक्रिया।
एक टिप्पणी भेजें