भक्ति गीतों के क्षेत्र में गीतकार हरिश्चंद्र दास ने बहुत नाम कमाया है। उनके लिखे हुए भक्ति गीतों ने पद्मश्री अनूप जलोटा की आवाज़ में कामयाबी का कीर्तिमान क़ायम किया। आज भी रेडियो पर हरिश्चंद्र का भक्तिगीत सुनाई पड़ता है-
दुख से मत घबराना पंछी उड़ना तुझे अकेला है
गीतकार हरिश्चंद्र के भोजपुरी गीतों के कई अल्बम बने और कई भोजपुरी फ़िल्मों को उन्होंने अपने गीतों से लोकप्रिय बनाया। अब गीतकार हरिश्चंद्र दास ने एक नया करिश्मा दिखाया है। आरके पब्लिकेशन मुंबई से उनका एक उपन्यास प्रकाशित होकर पाठकों के हाथों में आया है। हरिश्चंद्र का यह उपन्यास सरस गद्य और रोचक कथा का अद्भुत नमूना है।
हरिश्चंद्र का उपन्यास 'कुलक्षिणी' एक ऐसी सुशील युवती की जीवन गाथा है जो अपने नारी सुलभ गुणों से ससुराल वालों का दिल जीत लेती है। मगर वक़्त के साथ पासा पलटता है और इस सुशील युवती को कुलक्षिणी घोषित करके गृह त्याग पर मजबूर किया जाता है। कई उतार-चढ़ाव और त्रासद घटनाओं के बाद अंततः उसी परिवार में एक सुलक्षिणी के रूप में उसकी पुन: वापसी होती है।
बेस्टसेलर किताबों की तरह यह किताब सहज, सरल और प्रवाहमय है। एक बार आप पढ़ना शुरू करेंगे तो पढ़ते चले जाएंगे। कहीं भी कोई गति अवरोधक नहीं आता। हरिश्चंद्र जी की लेखन शैली में ऐसा जादू है कि उपन्यास की घटनाएं फ़िल्म के दृश्यों की तरह आंखों के सामने साकार हो उठती हैं। इस उपन्यास के सारे चरित्र ऐसे हैं जो हमें गांव और क़स्बों में अक्सर दिखाई पड़ते हैं। इसलिए पाठक इन चरित्रों के साथ बड़ी सहजता से अपना तादात्म्य स्थापित कर लेता है।
कुलक्षिणी उपन्यास के रूप में हरिश्चंद्र जी ने पाठकों को नायाब तोहफ़ा दिया है। इसके लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई। मेरी मंगलकामना है कि इस ख़ूबसूरत उपन्यास की सुगंध घर घर में पहुंचे। मुझे उम्मीद है कि हरिश्चंद्र की रचनात्मकता का सफ़र ऐसी ही जीवंतता के साथ जारी रहेगा और वे अपनी कामयाबी का परचम लहराते रहेंगे।
इस पुस्तक का मूल्य ₹295 है। इसे प्राप्त करने के लिए यहां संपर्क करें-
आरके पब्लिकेशन :
90225-21190, 98212-51190
गीतकार हरिश्चंद्र : 93221-82627
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आपका-
देवमणि पांडेय
सम्पर्क : बी-103, दिव्य स्तुति, कन्या पाडा, गोकुलधाम, फिल्मसिटी रोड, गोरेगांव पूर्व, मुम्बई-400063 मो : 98210 82126
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सुन्दर
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