(1)
सफ़र में सभी हैं ख़बर है ये किसको
कहाँ मंज़िलें हैं, ठिकाना किधर है
उन्हीं को फ़क़त राह देती है दुनिया
जिन्हें ये पता है कि जाना किधर है
(2)
बड़ी ज़ालिम है दुनिया दिल से दिल मिलने नहीं देगी
ख़ुशी का एक क़तरा भी कभी पीने नहीं देगी
अगर टकराके इससे इक क़दम भी हट गए पीछे
तो सारी उम्र फिर ये चैन से जीने नहीं देगी
(3)
कश्ती अगर हो इश्क़ की लहरों के दरमियां
ये कौन चाहता है किनारा नहीं मिले
किसने तुम्हारे हाथ से पतवार छीन ली
क्यूँ तुम बिछड़के हमसे दुबारा नहीं मिले
(4)
बिछड़े हुए तो हमको ज़माना हुआ मगर
तुम दिल में कसक बनके सताते हो आज भी
तुमने तो ये कहा था मिलेंगे न अब कभी
फिर क्यूँ हमारे ख़्वाब में आते हो आज भी
(5)
लाज़िम है चाहतों में कुछ तो नया भी हो
थोड़ी सी बेरुख़ी हो कुछ फ़ासला भी हो
मेरे तुम्हारे इश्क़ को कई साल हो गए
दिल चाहता है कोई तुम्हारे सिवा भी हो
(6)
आँखों में अपनी प्यार का काजल लगा के देखे
मेंहदी का रंग हाथ में अपने सजा के देखे
दिल की हसीन दुनिया लिख दूँ मैं नाम तेरे
ये शर्त है कि मुझको तू मुस्कराके देखे
(7)
मज़दा आँखों का पानी एक है
और ज़ख़्मों की निशानी एक है
हम दिलों की दास्ताँ किससे कहें
आपकी मेरी कहानी एक है।
(8)
मुश्किल सफ़र हो फिर भी मंज़िल तुम्हें मिले
मझधार में हो नाव तो साहिल तुम्हें मिले
हमने ख़ुदा से रात दिन माँगी है ये दुआ
हर हाल में जो ख़ुश रहे वो दिल तुम्हें मिले
(9)
जिसे तुम दिल से अपना मान लोगे
वही रिश्ता तुम्हें सच्चा लगेगा
किसी दिन पास तो आओ हमारे
मिलोगे हमसे तो अच्छा लगेगा
(10)
इक संगदिल के सामने फ़रियाद क्यों करें
करता नहीं है वो तो उसे याद क्यों करें
उसको नहीं है प्यार तो हम अपनी ज़िंदगी
इक बेवफ़ा के वास्ते बरबाद क्यों करें
आई लव यू मुंबई
शहर हमारा जो भी देखे सपनों में खो जाता है
यहाँ समंदर जादू बनकर हर दिल पर छा जाता है
देख के होटल ताज की रौनक़ मदहोशी छा जाए
चर्चगेट का रोशन चेहरा दिन में चाँद दिखाए
चौपाटी की चाट चटपटी मन में प्यार जगाती है
भेलपुरी खाते ही दिल की हर खिड़की खुल जाती है
कमला नेहरु पार्क पहुँचकर खो जाता जो फूलों में
प्यार के नग़मे वो गाता है एस्सेल वर्ल्ड के झूलों में
जुहू बीच पर रोज़ शाम जो पानी-पूरी खाए
वही इश्क़ की बाज़ी जीते दुल्हन घर ले आए
नई नवेली दुल्हन जैसी हर पल लगती नई
प्यार से इसको सब कहते हैं आई लव यू मुंबई
आई लव यू मुंबई
शहर हमारा जो भी देखे सपनों में खो जाता है
यहाँ समंदर जादू बनकर हर दिल पर छा जाता है
देख के होटल ताज की रौनक़ मदहोशी छा जाए
चर्चगेट का रोशन चेहरा दिन में चाँद दिखाए
चौपाटी की चाट चटपटी मन में प्यार जगाती है
भेलपुरी खाते ही दिल की हर खिड़की खुल जाती है
कमला नेहरु पार्क पहुँचकर खो जाता जो फूलों में
प्यार के नग़मे वो गाता है एस्सेल वर्ल्ड के झूलों में
जुहू बीच पर रोज़ शाम जो पानी-पूरी खाए
वही इश्क़ की बाज़ी जीते दुल्हन घर ले आए
नई नवेली दुल्हन जैसी हर पल लगती नई
प्यार से इसको सब कहते हैं आई लव यू मुंबई
आपका-
देवमणिपांडेय
सम्पर्क
: बी-103, दिव्य स्तुति,
कन्या
पाडा, गोकुलधाम, फिल्मसिटी रोड,
गोरेगांव
पूर्व, मुम्बई-400063, 98210-82126
3 टिप्पणियां:
इक संग दिल के सामने फरियाद क्यों करें
करता नहीं है वो तो उसे याद क्यो करें
सब कुछ नहीं है प्यार तो हम अपनी ज़िदगी
इक बेवफ़ा के वास्ते बरबाद क्यों करें
wahwa!!sahi kaha aapne
दोस्ती में अब मेरी दिलचस्पियां कम हो गईं
...बहुत ही सुंदर मुक्तक हैं ..सभी एक से बढ्कर एक हैं देवमणि जी बधाई इतनी खूबसूरत पंक्तियों के लिये..
बहुत खूब रचनाएँ हैं देव मणि जी...आपको पढना एक सुखद एहसास से गुजरने जैसा है...
नीरज
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