देवमणि पाण्डेय की ग़ज़ल
जब तलक रतजगा नहीं चलता
इश्क़ क्या है पता नहीं चलता
ख़्वाब की रहगुज़र पे आ जाओ
प्यार में फ़ासला नहीं चलता
उस तरफ़ चल के तुम कभी देखो
जिस तरफ़ रास्ता नहीं चलता
कोई दुनिया है क्या कहीं ऐसी
जिसमें शिकवा-गिला नहीं चलता
दिल अदालत है इस अदालत में
वक़्त का फ़ैसला नहीं चलता
लोग चेहरे बदलते रहते हैं
कौन क्या है पता नहीं चलता
इश्क़ क्या है पता नहीं चलता
ख़्वाब की रहगुज़र पे आ जाओ
प्यार में फ़ासला नहीं चलता
उस तरफ़ चल के तुम कभी देखो
जिस तरफ़ रास्ता नहीं चलता
कोई दुनिया है क्या कहीं ऐसी
जिसमें शिकवा-गिला नहीं चलता
दिल अदालत है इस अदालत में
वक़्त का फ़ैसला नहीं चलता
लोग चेहरे बदलते रहते हैं
कौन क्या है पता नहीं चलता
चित्र : कवि देवमणि पाण्डेय (माइक पर), शायर अब्दुल अहद साज़, शायर ज़फ़र गोरखपुरी, शायर हैदर नजमी और शायर सईद राही |
आपका-
देवमणिपांडेय
सम्पर्क : बी-103, दिव्य स्तुति,
कन्या पाडा, गोकुलधाम, फिल्मसिटी रोड,
गोरेगांव पूर्व, मुम्बई-400063, 98210-82126
1 टिप्पणी:
बधाई बधाई बधाई बधाई....
नीरज
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