शुक्रवार, 27 फ़रवरी 2015

देवमणि पांडेय की ग़ज़ल : इस जहां में प्यार महके




देवमणि पांडेय की ग़ज़ल


इस जहां में प्यार महके ज़िंदगी बाक़ी रहे
ये दुआ माँगो दिलों में रौशनी बाक़ी रहे

आदमी पूरा हुआ तो देवता हो जायेगा
ये ज़रूरी है कि उसमें कुछ कमी बाक़ी रहे

दोस्तों से दिल का रिश्ता काश हो कुछ इस तरह
दुश्मनी के साये में भी दोस्ती बाक़ी रहे

ख़्वाब का सब्ज़ा उगेगा दिल के आँगन में ज़रूर 
शर्त है आँखों में अपनी कुछ नमी बाक़ी रहे

इश्क़ जब कीजे किसी से दिल में ये जज़्बा भी हो
लाख हों रुसवाइयाँ पर आशिक़ी बाक़ी रहे

दिल में मेरे पल रही है यह तमन्ना आज भी
इक समंदर पी चुकूँ और तिश्नगी बाक़ी रहे





यात्री रंग समूह के खुलामंच-6 में शायर देवमणि पांडेय की शायरी का लुत्फ़ उठाते
वरिष्ठ रंगकर्मी ओम कटारे और अशोक शर्मा (मुम्बई 8-2-2015)

देवमणि पांडेय : 98210-8212

सोमवार, 23 फ़रवरी 2015

देवमणि पांडेय की ग़ज़ल : दुःख की लम्बी राहों में भी



          देवमणि पांडेय की ग़ज़ल

दुःख की लम्बी राहों में भी सुख की थोड़ी आस रहे
फिर ख़ुशियों के पल आएँगे दिल में ये एहसास रहे

इस दुनिया की भीड़ में अकसर चेहरे गुम हो जाते हैं
रखनी है पहचान तो अपना चेहरा अपने पास रहे

आदर्शों को ढोते-ढोते ख़ुद से दूर निकल आए
और न जाने कितने दिन तक देखो ये वनवास रहे

लफ़्ज़ अगर पत्थर हो जाएँ रिश्ते टूट भी सकते हैं
बेहतर है लहजे में अपने फूलों-सी बू-बास रहे

कहीं भी जाएं दिल का मौसम इक जैसा ही रहता है
अपने दिल के दरपन में इक चेहरा बारो-मास रहे

यात्री रंग समूह के खुलामंच-6 में कला, साहित्य और संगीत से जुड़े कलाकार : फ़िल्म निर्देशक अदीप टंडन, वरिष्ठ रंगकर्मी ओम कटारे, समाज सेवी विश्वनाथ शर्मा, शायर देवमणि पांडेय, कवि निलय उपाध्याय, रंगकर्मी धर्मेंद्र पांडेय, गायक विनोद गवार, संगीतकार गायक आशुतोष सिंह, गायक नवतेज, कवि बसंत आर्य, गीतकार क़ैस जौनपुरी, कवयित्री स्वाति, अभिनेत्री ऐश्वर्या, रंगकर्मी अशोक शर्मा, कवि पंकज दुबे और अभिनेता विजय गायकवाड़ आदि (मुम्बई 8.2.2015)




देवमणि पांडेय : 98210-82126