शुक्रवार, 22 जनवरी 2021

सुलगते मौसम में इमरोज़ आलम

सुलगते मौसम में इमरोज़ आलम

इमरोज़ आलम का शायराना मिज़ाज उनके चेहरे पर तबस्सुम के गुल खिलाता है। यह तबस्सुम उनकी शख़्सियत में चार चांद लगाता है और काव्य रसिकों को उनके क़रीब लाता है। इमरोज़ आलम में शायर होने की सारी ख़ूबियां मौजूद हैं। जोश है, जज़्बा है और जुनून है। उनका पहला शेरी मजमूआ “सुलगते मौसम में” जब मंज़रे आम पर आया तो उन्होंने हास्य कलाकार जॉनी लीवर से पुस्तक का लोकार्पण कराया। 

इमरोज़ आलम एक अलग ही राह के मुसाफ़िर हैं। मगर उनकी शायरी कभी इक़बाल की तरह सोते हुए को जगाती है। कभी साहिर लुधियानवी की तरह ख़ुद से बतियाती है। कभी वो फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के लहजे में क्रांति की मशाल जलाते हैं और कभी अहमद फ़राज़ के रंग में डूब कर मुहब्बत की ग़ज़ल सुनाते हैं - 

अंदेशा बिछड़ जाने का होता भी बहुत है
ऐ जान मगर तुझपे भरोसा भी बहुत है

इमरोज़ आलम की शायरी में ख़ूबसूरत मंज़रकशी है। यही ख़ासियत उनमें स्क्रिप्ट राइटर बनने का ख़्वाब जगाती है। उन्हें पूरा यक़ीन है कि एक दिन उनकी भी मेहनत रंग लाएगी और यह फ़िल्म इंडस्ट्री सलीम जावेद की तरह उन्हें भी सर आंखों पर बिठाएगी। 

इमरोज़ आलम की शायरी में मुहब्बत के अफ़साने पोशीदा हैं। दिल टूटने की सदाएं भी हैं। टूटे हुए दिल का यही दर्द उनकी शायरी की ताक़त भी है -

न तुम से नज़रें मिलाते न बेकली होती
बड़ी हसीन हमारी ये ज़िंदगी होती

तुम्हारे होने ने बर्बाद कर दिया हमको
वगरना हमसे कहां जान शायरी होती

इमरोज़ आलम ने अपने ज़ाती तजरुबों से शायरी का तामहल बनाया है। उसे सूरज की तपिश और चांद की किरनों से सजाया है। इस दयार में मुहब्बत के फूल मुस्कुराते हैं और नागफ़नी के कांटे भी जगह पाते हैं। कहीं रोशनी का उपहार है तो कहीं अंधेरों की सौग़ात है। इमरोज़ आलम की शायरी में धनक के सभी रंग नज़र आते हैं। अभी उन्हें यह तय करना है कि रिवायत की क़दीम राह पे चलना है, कि नए सफ़र का आग़ाज करना है। मेरी दिली ख़्वाहिश है कि ऊपर वाला उन्हें राह दिखाए और मंज़िले मक़सूद तक पहुंचाए। आमीन। 


आपका-
देवमणि पांडेय

सम्पर्क: बी-103, दिव्य स्तुति, कन्या पाडा, 
गोकुलधाम, फिल्मसिटी रोड, गोरेगांव पूर्व, मुम्बई-400063, 98210 82126

1 टिप्पणी:

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

वाह क्या बात जनाब मेरे ब्लॉग https://cbmghafil.blogspot.com/ पर भी पधारें शायद आपको कुछ बेहतर दिख जाए