रविवार, 21 फ़रवरी 2010

कोरी आँखों की फागुन ने मीठी नींद चुराई : होली गीत

पंचम के होली समारोह में कवयित्री माया गोविंद, संस्थाध्यक्ष रानी पोद्दार और कवि देवमणि पाण्डेय 

देवमणि पांडेय के होली गीत

(1)

दिल से दिल के तार मिले तो
टेसू खिले हज़ार
आया फिर से राग रंग का
मस्ती का त्योहार
आया मस्ती का त्यौहार.......

रंग, अबीर, गुलाल लगाओ
झूमो, नाचो, गाओ
होंठों से तो हँसी छलकती
आँख से छलके प्यार
आया मस्ती का त्यौहार.......

मौसम ने जादू कर डाला
हर चेहरा रंग डाला
भीग गया तन-मन होली में
उड़ गया चैन – क़रार
आया मस्ती का त्यौहार.......

धूप ख़ुशी की ऐसे आई
गली-गली मुसकाई
खेतों ने पक्की फसलों का
पाया है उपहार
आया मस्ती का त्यौहार.......

(2)

उड़ता रंग , अबीर, गुलाल
छूटी पिचकारी से धार
ख़ुशियां हर चेहरे पर छाईं
आई होली आई रे.......

घरवाला, घरवाली नाचे
जीजा के संग साली नाचे
नाच रही बच्चों की टोली
जैसे कृष्ण कन्हाई
आई होली आई रे.......

ढोल-मृदंग-चंग जब बजते
स्वप्न सलोने नयन में सजते
कोरी आँखों की फागुन ने
मीठी नींद चुराई
आई होली आई रे.......

छेड़छाड़-तकरार का मौसम

होली तो है प्यार का मौसम
क़हर ढा गई दिल पर कितने
इक मादक अँगड़ाई
आई होली आई रे.......

(3)


हर ज़ुबां पर है दिलकश तराना
हर नज़र में है मंज़र सुहाना
सबके चेहरे पे उल्लास छाया
आया होली का मौसम आया.......

भंग के रंग में मस्त होकर
आ गई नाचती एक टोली
हुई बरसात रंगों की जिस पल
भीगा तन, भीगा मन, भीगी चोली
जादू रग रग में फागुन का छाया
आया होली का मौसम आया.......

गोरे गालों का छूना किसी का
वो हया वो शरम बालियों की
इक क़सक बनके दिल में उतरती
लब पे बौछार वो गालियों की
कौन कजरारे नयनों को भाया
आया होली का मौसम आया.......

फाग के राग में तरबतर हो
थाप ढोलक पे कुछ ऐसी पड़ती
इक नशा सा लिपटता बदन से
प्यार की इक कली दिल में खिलती
ख़्वाब पलकों ने दिल में सजाया
आया होली का मौसम आया.......

आपका-
देवमणिपांडेय

सम्पर्क : बी-103, दिव्य स्तुति,
कन्या पाडा, गोकुलधाम, फिल्मसिटी रोड, 
गोरेगांव पूर्व, मुम्बई-400063, 98210-82126

devmanipandey@gmail.com

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