गुरुवार, 24 दिसंबर 2009

नए साल की शुभकामनाएं : देवमणिपांडेय



नए साल की शुभकामनाएं !


आंखों में अपनी हैं आशा की किरणें
चाहत के सुर धड़कनों में सजाएं
इक दिन मिलेगी वो सपनों की दुनिया
जादू उमंगों का दिल में जगाएं

बादल में बिजली है, सूरज में आभा
हिम्मत हवाओं में सागर में लहरें
मुश्किल नहीं कुछ अगर ज़िद है मन में
चलतें रहें बस कहीं भी ना ठहरें

नज़रों में झिलमिल सितारे सजाकर
नई रोशनी से गगन जगमगाएं

हम कौन हैं ! क्या है हसरत हमारी
लाज़िम है खु़द को भी पहचान लें हम
अगर हौसला है रगों में हमारी
तो मंज़िल पे पहु्चेंगे, ये जान लें हम

कड़ी धूप हो, पर न पीछे हटेंगें
ये एहसास हम रास्तों को दिलाएं

नए साल की शुभकामनाएं !



आपका-

देवमणिपांडेय

सम्पर्क : बी-103, दिव्य स्तुति,
कन्या पाडा, गोकुलधाम, फिल्मसिटी रोड, 
गोरेगांव पूर्व, मुम्बई-400063, 98210-82126

10 टिप्‍पणियां:

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  2. देवमणि पाण्डेय की पहली पोस्ट
    काव्य शैली का उनकी परिचय है

    जिसमेँ है ज़िंदगी का सोज़ो साज़
    उनकी शोहरत का बस यही है राज़
    अहमद अली बर्क़ी आज़मी
    http://aabarqi.webs.com
    http://aabarqi.blogspot.com

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  3. जनाब देव साहिब
    मुबारिक बाद देता हूँ के आप भी अब साहिबे ब्लॉग हो गये हो
    कमाल की रचना दिल को छू गई
    शुभ मंगल कामनाओं सहित

    चाँद शुक्ला हदियाबादी
    डेनमार्क

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  4. ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है...हम तो वैसे भी आपके पुराने मुरीद हैं अब आपके ब्लॉग के भी हो गए...बेहद ओज पूर्ण रचना से धमाके दार प्रवेश किया है आपने...वाह...अब मिलना मिलाना होता ही रहेगा...कभी आपके यहाँ कभी हमारे यहाँ...
    नीरज

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  5. देवमणि पांडेय जी पहले तो ब्लाग जगत में आगाज करने के लिए बहुत-बहुत बधाईयां! अब आपकी खूबसूरत रचनाओं का यहां दीदार होगा...सुंदर रचना के लिए आभार..मेरी क्रिसमस!

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  6. भाई देवमणि, मैं आपकी अतुकांत कविता से ग़ज़ल तक की यात्रा का साक्षी हूं। और अब आपके कम्पयूटर प्रेम में यूनिकोड से मित्रता और अपना ब्लॉग। इन सभी उपलब्धियों के लिये बधाई। आपकी रचना उच्चस्तरीय है, ब्लॉग सुन्दर है। नववर्ष आपके लिये और अधिक शुभ हो।

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  7. shubhkamnayen...

    कड़ी धूप हो, पर न पीछे हटेंगें
    ये एहसास हम रास्तों को दिलाएं...।
    keep this spirit alive .

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  8. NAYE SAAL KEE SHURUAAT SE PAHLE HEE AAPKE
    BLOG KEE SHURUAAT DEKHKAR DIL KHUSHEE SE
    BHAR UTHAA HAI.AAPKE GEET SE AAPKA BLOG
    MAHAK UTHAA HAI.SABHEE IS MAHAK SE MAHAKENGE,
    MUJHE POORA VISHWAAS HAI.SHUBH KAAMNAAON KE
    SAATH.

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  9. रहे यूँ ही क़ायम यह ख़ुद एतेमादी
    रहे आपकी शायरी आशावादी

    चमकते रहेँ आसमान-ए-अदब पर
    गुल-ए-ज़िंदगी आपका हो गुलाबी
    अहमद अली बर्क़ी आज़मी

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