tag:blogger.com,1999:blog-765514892586429286.post4477409044045468931..comments2023-08-18T09:05:14.983-07:00Comments on Apna To Mile Koi : कहाँ मंज़िलें हैं, ठिकाना किधर है : देवमणि पांडेय के मुक्तकदेवमणि पांडेय Devmani Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/09583435334580761206noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-765514892586429286.post-39552198548139399982010-02-10T03:57:20.537-08:002010-02-10T03:57:20.537-08:00बहुत खूब रचनाएँ हैं देव मणि जी...आपको पढना एक सुखद...बहुत खूब रचनाएँ हैं देव मणि जी...आपको पढना एक सुखद एहसास से गुजरने जैसा है...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765514892586429286.post-45145142708789414932010-02-08T06:53:40.400-08:002010-02-08T06:53:40.400-08:00दोस्ती में अब मेरी दिलचस्पियां कम हो गईं
...बहुत ह...दोस्ती में अब मेरी दिलचस्पियां कम हो गईं<br />...बहुत ही सुंदर मुक्तक हैं ..सभी एक से बढ्कर एक हैं देवमणि जी बधाई इतनी खूबसूरत पंक्तियों के लिये..Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-765514892586429286.post-86670844766444077752010-02-08T04:26:50.949-08:002010-02-08T04:26:50.949-08:00इक संग दिल के सामने फरियाद क्यों करें
करता नहीं है...इक संग दिल के सामने फरियाद क्यों करें<br />करता नहीं है वो तो उसे याद क्यो करें<br />सब कुछ नहीं है प्यार तो हम अपनी ज़िदगी<br />इक बेवफ़ा के वास्ते बरबाद क्यों करें<br /><br />wahwa!!sahi kaha aapneसतपाल ख़यालhttps://www.blogger.com/profile/18211208184259327099noreply@blogger.com